UPI Rules 2025: UPI यूज़र्स के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। अब आप जब किसी दुकान या मर्चेंट को UPI से पेमेंट करेंगे, तो उस ट्रांजैक्शन की लिमिट को तय करने का अधिकार NPCI को मिल गया है। यानी अब NPCI ये तय करेगा कि एक बार में मर्चेंट को कितनी राशि ट्रांसफर की जा सकती है।
RBI ने दी हरी झंडी
7 से 9 अप्रैल तक चली RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की मीटिंग के बाद गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इस फैसले की जानकारी दी। अभी तक पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M) ट्रांजैक्शन की लिमिट 2 लाख रुपए थी, लेकिन अब NPCI इसे जरूरत के हिसाब से घटा या बढ़ा सकेगा।
पर्सन-टू-पर्सन (P2P) ट्रांजैक्शन की लिमिट पहले जैसी
जहां P2M की लिमिट में बदलाव का रास्ता खुला है, वहीं पर्सन-टू-पर्सन (P2P) ट्रांजैक्शन की लिमिट ₹1 लाख पहले की तरह ही बरकरार रहेगी।
P2P और P2M में फर्क क्या है?
प्रकार | मतलब | मौजूदा लिमिट |
---|---|---|
P2P | जब एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को पैसे भेजता है | ₹1 लाख |
P2M | जब व्यक्ति किसी मर्चेंट या दुकान को पेमेंट करता है | ₹2 लाख (अब NPCI के अधीन) |
RBI की MPC मीटिंग की 3 अहम बातें
- रेपो रेट में कटौती: RBI ने लगातार दूसरी बार रेपो रेट 0.25% घटा दी है। अब यह 6% रह गई है, पहले 6.25% थी। इससे होम और ऑटो लोन सस्ते हो सकते हैं।
- महंगाई और ग्रोथ का अनुमान: 2025-26 के लिए GDP ग्रोथ 6.5% और महंगाई दर 4% रहने का अनुमान है। RBI का फोकस ग्रोथ के साथ-साथ महंगाई को कंट्रोल करने पर रहेगा।
- पिछली मीटिंग में भी कटौती: फरवरी 2025 में भी RBI ने ब्याज दरों में 0.25% की कटौती की थी।
PI को चलाता है NPCI
भारत में RTGS और NEFT सिस्टम RBI के कंट्रोल में हैं, जबकि UPI, IMPS और RuPay जैसे पेमेंट सिस्टम NPCI चलाता है।
UPI कैसे करता है काम?
- आपको सिर्फ एक वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (VPA) बनाना होता है।
- यह आपके बैंक अकाउंट से लिंक होता है।
- फिर आप आसानी से मोबाइल नंबर, आधार नंबर या UPI ID से पेमेंट कर सकते हैं।
- ना IFSC कोड की जरूरत, ना ही लंबा अकाउंट नंबर याद रखने की।
UPI से क्या-क्या कर सकते हैं?
- पैसा भेजना या लेना
- मोबाइल रिचार्ज, बिजली-पानी का बिल
- ऑनलाइन खरीदारी
- दुकानों पर QR कोड से पेमेंट
RBI और NPCI का मकसद
इस बदलाव का मकसद है – डिजिटल पेमेंट को और ज्यादा सुरक्षित, तेज और फlexible बनाना। इससे आने वाले समय में ट्रांजैक्शन लिमिट मर्चेंट की कैटेगरी या रिस्क फैक्टर के हिसाब से तय की जा सकेगी।